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Inflation (मुद्रास्फीति) क्या होता हैऔर कैसे देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाता है?

इन्फ्लेशन (महंगाई) का मतलब है कि चीजों की कीमतें समय के साथ बढ़ती जाती हैं। जैसे, अगर आज 10 रुपये में एक किलो आलू मिलता है, लेकिन अगले साल वही आलू 12 रुपये का हो जाए, तो इसे इन्फ्लेशन कहते हैं।

महँगाई क्यों होती है?

महंगाई के मुख्य कारण (सरल भाषा में):-

जनसंख्या का तेजी से बढ़ना – जब लोग ज्यादा हो जाते हैं और चीजें उतनी नहीं बनतीं, तो मांग बढ़ जाती है और दाम भी।

कच्चे माल और खेती की लागत बढ़ना – बीज, खाद, पानी, मजदूरी सब महंगे हो जाएं तो अनाज और सब्जियां भी महंगी बिकती हैं।

बाजार में सामान की कमी (Artificial Shortage) -व्यापारी जानबूझकर चीजें छुपा लेते हैं ताकि बाद में ज्यादा दाम पर बेच सकें।

काला बाजारी और जमाखोरी – कुछ लोग जरूरी चीजें जैसे दाल, तेल, गैस छुपा लेते हैं और बाद में महंगे दामों पर बेचते हैं।

सरकारी नीतियों में गड़बड़ी – अगर सरकार सही समय पर सही फैसले नहीं लेती, तो चीजों के दाम काबू से बाहर हो जाते हैं।

प्राकृतिक आपदाएं (बाढ़, सूखा, भूकंप) – फसलें खराब हो जाती हैं, जिससे खाने-पीने की चीजें कम हो जाती हैं और महंगी बिकती हैं।

तेल और गैस के दाम बढ़ना -जब पेट्रोल-डीजल महंगे होते हैं, तो ट्रांसपोर्ट महंगा होता है और हर चीज की कीमत बढ़ जाती है।

नोट छापना (Currency Printing) – अगर सरकार ज़्यादा नोट छाप देती है, तो बाजार में पैसे की मात्रा बढ़ जाती है और चीजें महंगी हो

धन का असमान वितरण – अमीर लोग ज्यादा खरीदते हैं, जिससे मांग बढ़ती है और गरीबों को चीजें महंगी मिलती हैं

क्या महँगाई हमेशा बुरी होती है?

थोड़ी बहुत महँगाई (2-4%) अच्छी होती है → इससे व्यापार चलता है, लोग चीजें बेचते–खरीदते हैं, मजदूरों को काम मिलता है।

ज्यादा महँगाई (जैसे 10-15% या उससे ऊपर) बहुत बुरी होती है →

ये देश की अर्थव्यवस्था को कैसे नुकसान पहुंचाती है?

  1. लोगों की खरीदने की ताकत कम होती है: अगर आपकी कमाई वही रहती है, लेकिन चीजें महंगी हो जाती हैं, तो आप कम सामान खरीद पाते हैं। इससे गरीब लोग ज्यादा परेशान होते हैं।
  2. बचत कम होती है: लोग ज्यादा खर्च करने लगते हैं, क्योंकि पैसे की कीमत कम हो रही होती है। इससे बचत कम होती है, जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए ठीक नहीं।
  3. ब्याज दरें बढ़ती हैं: बैंक महंगाई को कंट्रोल करने के लिए लोन की ब्याज दरें बढ़ा देते हैं। इससे कारोबार करना मुश्किल हो जाता है।
  4. निर्यात पर असर: अगर देश में चीजें बहुत महंगी हो जाएं, तो दूसरे देशों को हमारा सामान खरीदना महंगा लगता है, जिससे व्यापार कम हो सकता है।
  5. असमानता बढ़ती है: अमीर लोग महंगाई में भी ठीक रहते हैं, लेकिन गरीब और मध्यम वर्ग को ज्यादा नुकसान होता है।

निष्कर्ष:-

थोड़ी महंगाई अर्थव्यवस्था के लिए ठीक होती है, क्योंकि इससे कारोबार और विकास बढ़ता है। लेकिन अगर महंगाई बहुत ज्यादा हो जाए, तो ये लोगों की जेब पर भारी पड़ती है और देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर कर सकती है। इसे कंट्रोल करने के लिए सरकार और बैंक कई कदम उठाते हैं, जैसे ब्याज दरें बढ़ाना या पैसे की सप्लाई कम करना।

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