GST Reforms से इकॉनमी पे क्या असर पड़ेगा ?

GST सुधारों का भारतीय अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, खासकर उपभोक्ता खर्च (consumption) को बढ़ावा देने में। नए GST सुधारों के तहत टैक्स स्लैब्स को सरल बनाकर और जरूरी वस्तुओं पर टैक्स दरें कम करके उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ कम किया जाएगा, जिससे उनकी क्रय क्षमता बढ़ेगी। इससे आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी और GDP वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।

इसके साथ ही व्यवसायों के लिए भी चीजें आसान बनाने की कोशिश है. 5% और 18% की नई टैक्स स्लैब्स साथ-साथ हानिकारक और लग्जरी वस्तुओं के लिए 40% की दर वाला यह नया टैक्स स्ट्रक्चर उपभोक्ता खर्च और आर्थिक विकास को बढ़ाने के अलावा मिडिल क्लास और एमएसएमई को राहत प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है |

जीडीपी पर क्या असर पड़ेगा

  • उपभोक्ता खर्च (Consumption): रोजमर्रा की वस्तुओं, पैकेज्ड फूड आइटम्स और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सहित अलग-अलग प्रकार की वस्तुओं पर जीएसटी दरें कम करने से उपभोक्ताओं के लिए कीमतें सीधे तौर पर कम हो जाएंगी, जो खर्च और मांग को बढ़ावा देंगी , भारत की GDP में उपभोक्ता खर्च लगभग 60% होता है, इसलिए यह सुधार सीधे GDP को 0.3% से 0.7% (30-70 बेसिस प्वाइंट) तक बढ़ा सकता है।
  • औपचारिक अर्थव्यवस्था (Formal Economy): टैक्स स्लैब simplification और बेहतर प्रशासन से अधिक व्यवसाय GST के दायरे में आएंगे, जिससे औपचारिक अर्थव्यवस्था का विस्तार होगा।
  • आसान टैक्स स्ट्रक्चर : ज्यादातर वस्तुओं और सर्विसेज के लिए चार स्लैब से दो स्लैब फ्रेमवर्क (5% और 18%) में बदलाव से प्रोसेस आसान होने और भारत में व्यापार करने में आसानी में सुधार होने की उम्मीद है.सुधारों के कारण कर ( Tax )अनुपालन आसान और कम महंगा होगा, जिससे इनका विकास बढ़ेगा।
  • सरकारी राजस्व और वित्तीय स्थिति (Revenue and Fiscal Health):
  • शुरुआती चरण में कुछ राजस्व में कमी हो सकती है, लेकिन दीर्घकाल में कर संग्रह में वृद्धि की उम्मीद है। GST के दो-स्तरीय सुधार से सरकार के राजस्व घाटे की संभावना है, खासकर केंद्र सरकार के लिए। हाल की रिपोर्ट्स और विश्लेषणों के अनुसार, GST की दरों में कटौती के कारण भारत सरकार को सालाना कम से कम 3,700 करोड़ रुपये से लेकर 48,000 करोड़ रुपये तक का राजस्व घाटा हो सकता है। कुछ विश्लेषणों में यह घाटा 10,000 करोड़ से ऊपर भी अनुमानित है इससे सरकार का वित्तीय घाटा थोड़ा प्रभावित हो सकता है, लेकिन सुधार स्थायी और प्रगतिशील होंगे।

संक्षेप में –

  • GST सुधार उपभोक्ता खर्च को सबसे ज्यादा प्रभावित करेंगे, जिससे अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी।
  • छोटे व्यवसाय और औपचारिक क्षेत्र को लाभ मिलेगा।
  • सरकार को राजस्व का कुछ हिस्सा कम मिलेगा लेकिन कुल मिलाकर आर्थिक वृद्धि बढ़ेगी।

कब लागू होंगी gst की नई दरें : नई जीएसटी दरें 22 सितंबर, 2025 से प्रभावी होंगी.

सेक्टर्स को फायदा 

खाद्य और घरेलू वस्तुएं:
रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं जैसे साबुन, टूथपेस्ट, ब्रेड, पैकेज्ड फूड आदि पर GST दर 5% हो जाएगी, जिससे उपभोक्ताओं को रियायत मिलेगी और इन वस्तुओं की मांग बढ़ेगी।

इलेक्ट्रॉनिक्स और उपभोक्ता वस्तुएं:
टीवी, एयर कंडीशनर, डिशवॉशर, छोटे घरेलू उपकरणों पर GST 18% से कम होकर अधिक वहनीय होगी। इससे इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और बिक्री में बढ़ोतरी होगी।

गृह निर्माण और निर्माण सामग्री:सीमेंट और अन्य निर्माण सामग्री पर GST दर कम होने से हाउसिंग सेक्टर को मजबूती मिलेगी, निर्माण की लागत घटेगी और नया निवेश बढ़ेगा।
ऑटोमोबाइल सेक्टर:
वाहन और ऑटो पार्ट्स के लिए स्पष्ट कर वर्गीकरण और टैक्स दरों में बदलाव से विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
कृषि और स्वास्थ्य:
कृषि आधारित उत्पादों और स्वास्थ्य सेवाओं पर टैक्स में छूट और सुधार से ये सेक्टर्स और भी प्रतिस्पर्धी बनेंगे।
एमएसएमई और स्टार्टअप:
अनुपालन और टैक्स भरने में आसानी आने से छोटे व्यवसायों और स्टार्टअप्स को लाभ होगा, जिससे उनकी आर्थिक गतिविधि बढ़ेगी।

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