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YouTube चैनल से कमाई होने पर इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना ?

YouTube इनकम की टैक्स कैटेगरी

YouTube से होने वाली इनकम को भारत में आमतौर पर “व्यवसाय या प्रोफेशनल इनकम” की श्रेणी में रखा जाता है और यह सामान्य टैक्स स्लैब दरों के अनुसार टैक्सेबल होती है। इसमें google एडसेंस, ब्रांड स्पॉन्सरशिप, एफिलिएट या अन्य डिजिटल बिक्री से कमाई शामिल हो सकती है।

आज बड़ी संख्या में लोग यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए कमाई कर रहे हैं। इस कमाई को इनकम टैक्स रिटर्न में बताना जरूरी है। लेकिन, इसकी रिपोर्टिंग का तरीका कम ही लोग जानते हैं। अगर आपने यूट्यूबल चैनल से कमाई के बारे में ठीक तरह से इनकम टैक्स रिटर्न में नहीं बताया तो आपको नोटिस आ सकता है।

ऐसे मेंयूट्यूबर कंटेंट बनाने में आए खर्च पर डिडक्शन क्लेम कर सकता है। कंटेंट तैयार करने में कमैरा जैसे इक्विपमेंट का इस्तेमाल होता है। एडिटिंग के लिए सॉफ्टेवयर का इस्तेमाल होता है। इंटरनेट के लिए पेमेंट करना पड़ता है। आपको स्टूडियो भी रेंट पर लेना पड़ सकता है। ऐसे खर्चों पर डिडक्शन क्लेम करने से टैक्सेबल इनकम काफी घट जाता है |

इनकम और खर्च का हिसाब रखना होगा

यूट्यूब और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से होने वाली इनकम का रिकार्ड रखना जरूरी है। इसके अलावा कंटेंट बनाने में होने वाला खर्च का हिसाब रखना भी जरूरी है। यूट्यूबर्स और इनफ्लूएंसर्स आईटीआर में अपनी इनकम बिजनेस और प्रोफेशन से हुई इनकम के रूप में दिखा सकते हैं। यूट्यूब या दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हुई इनकम प्रोफेशनल इनकम मानी जा सकती है। अगर कोई मर्चेंडाइज की बिक्री से पैसे कमाता है तो इसे बिजनेस इनकम माना जाएगा।

सही ITR फॉर्म का चयन

खर्चे और कटौती

YouTube व्यवसाय से जुड़े खर्चे जैसे कैमरा, माइक्रोफोन, एडिटिंग सॉफ्टवेयर, इंटरनेट आदि का खर्चा आय से घटाया जा सकता है अगर आप ITR-3 या नियमित व्यवसाय टैक्सेशन चुनते हैं। प्रेसम्प्टिव टैक्सेशन में ऐसा खर्चा नहीं दिखाना होता।

GST भी लागू हो सकता है

अगर YouTube से आपकी कमाई सेवा के रूप में 20 लाख रुपए से ऊपर है, तो आपको GST रजिस्ट्रेशन कराना पड़ सकता है। इसकी दर सामान्यत: 18% होती है।

टैक्स रिटर्न कैसे फाइल करें

  1. अपने कुल आय की जानकारी (YouTube से आय, अन्य स्रोतों से आय) इकट्ठा करें।
  2. खर्चों के बिल, बैंक स्टेटमेंट, आदि तैयार रखें।
  3. ऑनलाइन इनकम टैक्स पोर्टल पर लॉगिन करें।
  4. सही ITR फॉर्म (ITR-3 या ITR-4) चुनें।
  5. अपनी आय और खर्चों की सही जानकारी डालें।
  6. टैक्स की गणना करें, यदि टैक्स पहले से एडवांस या TDS के रूप में दिया है तो उसका विवरण भरें।
  7. रिटर्न सबमिट करें और ई-वेरिफिकेशन (ऑनलाइन माध्यम से) कराएं।

महत्वपूर्ण तिथियाँ और नियम

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