PEGRATIOएक महत्वपूर्ण मापदंड हैजिससे निवेशकों को यह तय करने में मदद मिलती है कि स्टॉक ओवरवैल्यूड है या अंडरवैल्यूड है।

किसी कंपनी के शेयर का मूल्य उसकी कमाई (Earnings) और उसके ग्रोथ (विकास) की रफ्तार दोनों को एक साथ देखकर तय करना। ये कंपनी के विश्लेषण में इसीलिए जरूरी है क्योंकि केवल P/E (Price to Earnings) देखने पर कंपनी ज्यादा महंगी या सस्ती नज़र आ सकती है, लेकिन अगर ग्रोथ तेज़ है, तो वही शेयर सस्ता भी हो सकता है।
कीमत/कमाई-से-ग्रोथ (PEG) अनुपात P/E अनुपात से एक कदम आगे बढ़ता है, जो एक निर्दिष्ट अवधि के लिए अपनी आय की वृद्धि दर से P/E अनुपात को विभाजित करता है. PEG अनुपात P/E अनुपात और अनुमानित आय की वृद्धि दर के बीच संबंध प्राप्त करता है,
Peg Ratio की गणना कैसे करें?
PEG Ratio निकालने के लिए आपको दो चीज़ें चाहिए:
- P/E Ratio (Price to Earnings Ratio)
2.Earnings Growth Rate (कमाई की वृद्धि दर)
PEG Ratio का फ़ॉर्मूला = P/E Ratio ÷ Earnings Growth Rate
price to earnings कैसे निकले इसके लिए आप इस लिंक को देखे –Price to Earnings Ratio (P/E Ratio) क्या है ? – nbusiness4.com
आसान उदाहरण से समझिए:
मान लीजिए किसी कंपनी का:
- P/E Ratio = 20
- Earnings Growth Rate = 10%
PEG Ratio = 20 ÷ 10 = 2
Peg Ratio यह 2 है –
इसका मतलब क्या हुआ?
- PEG < 1 → शेयर सस्ता है (अंडरवैल्यूड)
- PEG = 1 → सही कीमत पर है (फेयर वैल्यू)
- PEG > 1 → शेयर महंगा है (ओवरवैल्यूड)
जो 1 से ज्यादा है इसका मतलब स्टॉक महँगा है |

PEG Ratio का विश्लेषण में महत्व –
क्योंकि ये सिर्फ आज की कीमत नहीं देखता, बल्कि भविष्य की ग्रोथ को भी ध्यान में रखता है।
- PEG Ratio बताता है कि कंपनी के ग्रोथ की तुलना में उसका P/E सही है या नहीं।
- PEG Ratio 1 या उसके आसपास हो तो शेयर की कीमत और ग्रोथ बैलेंस में है।
- अगर PEG 1 से कम है, तो शेयर अंडरवैल्यूड (सस्ता) हो सकता है।
- अगर PEG 1 से ज्यादा है, तो शेयर ओवरवैल्यूड (महंगा) हो सकता है।
- पुराने या धीमे ग्रोथ वाली कंपनियों में PEG का उपयोग कर सकते हैं, जबकि तेज़-ग्रोथ कंपनियों में अनुमान बदल सकता है.
- संतुलित मूल्यांकन: सिर्फ P/E Ratio से पता नहीं चलता कि कंपनी आगे कितना बढ़ेगी। PEG Ratio से यह साफ होता है।
- अंडरवैल्यूड शेयर पकड़ना आसान: कुछ कंपनियां कम कीमत पर होती हैं लेकिन उनकी ग्रोथ बहुत तेज होती है — PEG Ratio से ऐसे शेयर पहचान सकते हैं।
- सेक्टर तुलना आसान: टेक कंपनी और मैन्युफैक्चरिंग कंपनी की ग्रोथ अलग होती है, PEG Ratio से दोनों की तुलना करना आसान होता है।
उदाहरण (Example) –
मान लीजिए किसी कंपनी का P/E Ratio है 18 और कमाई में अगले साल 10% की बढ़त की उम्मीद है:
- PEG Ratio = 18 / 10 = 1.8
यहाँ PEG ज्यादा है, मतलब शेयर महंगा है।
अगर किसी दूसरी कंपनी का P/E 22 और ग्रोथ 27% है, तो PEG = 22/27 – 0.81
यह सस्ता या डिस्काउंट में दिखा सकता है
सावधानी :-
- PEG Ratio सिर्फ एक इंडिकेटर है, निवेश निर्णय के लिए दूसरे आंकड़े और इंडिकेटर्स भी देखें।
- ग्रोथ रेट का अनुमान बदल सकता है इसलिए भविष्य के लिए सही डेटा चाहिए।
- यह Ratio स्थिर/कम या नियमित बढ़ने वाली आय वाली कंपनियों (जैसे FMCG, Pharma) के लिए बेहतर काम करता है.
निष्कर्ष:-
PEG Ratio एक स्मार्ट निवेशक का टूल है। यह आपको सिर्फ आज की कीमत नहीं, बल्कि कल की संभावनाओं को भी दिखाता है। अगर आप शेयर मार्केट में समझदारी से निवेश करना चाहते हैं, तो PEG Ratio को ज़रूर समझिए और इस्तेमाल कीजिए।