Rule of 72 एक बहुत आसान तरीका है, जिससे आप पता कर सकते हैं कि कोई भी पैसा कितने साल में डबल (दोगुना) हो जाएगा।ये एक छोटा सा गणित का फॉर्मूला है, जो बिना कैलकुलेटर के जल्दी से हिसाब करने में मदद करता है।

ये कैसे काम करता है? –
72 को उस ब्याज दर से भाग देना है, जितना सालाना ब्याज आपको मिल रहा है और या फिर आप कितना परसेंट रिटर्न चाहते हो की आप का पैसा डबल हो जाये |
मान लो तुमने कुछ पैसे कहीं निवेश किए, जैसे बैंक में, म्यूचुअल फंड में, या कोई और जगह, और उस पर हर साल एक निश्चित ब्याज मिल रहा है। Rule of 72 बताता है कि तुम्हारा पैसा दोगुना होने में कितना समय लगेगा। इसके लिए तुम्हें सिर्फ ब्याज की दर (interest rate) को 72 से भाग देना है।
फॉर्मूला: –
पैसा डबल होने में लगने वाला समय = 72 ÷ ब्याज दर (प्रतिशत में)

चलिए इसको उदाहरण से समझते हैं: –
मान लो तुमने 10,000 रुपये बैंक में FD (Fixed Deposit) में डाले, और उस पर 6% ब्याज मिल रहा है हर साल। अब Rule of 72 के हिसाब से: 72 ÷ 6 = 12 साल यानी तुम्हारे 10,000 रुपये 12 साल में दोगुने होकर 20,000 रुपये हो जाएंगे।
अगर ब्याज की दर 8% हो, तो: 72 ÷ 8 = 9 साल यानी 9 साल में तुम्हारा पैसा दोगुना हो जाएगा।
अगर ब्याज की दर 12% हो, तो: 72 ÷ 12 = 6 साल यानी 6 साल में पैसा दोगुना।
कब काम आता है? –
बैंक की FD में
म्यूचुअल फंड में
शेयर मार्केट में
लोन (Loan), महंगाई (Inflation), या किसी भी चीज़ में जो हर साल बढ़ती है, वहाँ भी इसे इस्तेमाल कर सकते हैं।
अगर तुम निवेश करना चाहते हो और जानना चाहते हो कि कितने साल में तुम्हारा पैसा दोगुना होगा। ये नियम तुम्हें ये समझने में मदद करता है कि ब्याज की दर कितनी जरूरी है। जैसे, 4% ब्याज पर पैसा दोगुना होने में 18 साल लगेंगे (72 ÷ 4), लेकिन 8% पर सिर्फ 9 साल।
ध्यान रखने वाली बात: –
- ये एक अनुमान है, बिल्कुल सटीक नहीं होता।बाजार में उतार-चढ़ाव होते हैं, तो असली समय थोड़ा अलग हो सकता है।
- ये नियम कंपाउंड इंटरेस्ट के लिए है, न कि साधारण ब्याज (simple interest) के लिए।
- अगर ब्याज की दर हर साल बदलती है (जैसे शेयर मार्केट में), तो ये नियम सिर्फ अनुमान देगा। बहुत ज्यादा ब्याज दर (जैसे 20% से ज्यादा) पर ये नियम थोड़ा कम सटीक हो सकता है।
समझ लो सीधी बात –
इस नियम के लिए आपको न कोई कॉम्प्लेक्स गणित आना चाहिए, न ही कोई कैलकुलेटर चाहिए।
बस “72” को अपनी ब्याज या सालाना रिटर्न रेट से भाग देना है,
- ब्याज ज्यादा होगा → पैसा जल्दी दुगुना होगा।
- ब्याज कम होगा → पैसा देर से दुगुना होगा।