म्यूच्यूअल फण्ड क्या होता है ?

म्यूचुअल फंड एक निवेश साधन है जिसमें कई निवेशक अपना पैसा एक साथ जमा करते हैं और इस पैसे को पेशेवर फंड मैनेजर के द्वारा शेयरों, बॉन्ड, सरकारी सिक्योरिटी या बाजार के अन्य साधनों में निवेश किया जाता है। फंड मैनेजर अलग-अलग कंपनियों और सेक्टरों के हिसाब से निवेश का फैसला लेतेहैं |

ये पेशेवर रूप से प्रबंधित फंड व्यक्तियों को स्टॉक, बॉन्ड और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स सहित विभिन्न परिसंपत्तियों में निवेश करने का एक तरीका प्रदान करते हैं |

आसान भाषा में और साधारण उदाहरण में –

मान लीजिए गाँव के 10 लोग एक साथ पैसा इकट्ठा करते हैं, हर किसी के पास थोड़ा-थोड़ा पैसा है, किसी के पास 100 रुपए, किसी के पास 500 रुपए, किसी के पास 1000 रुपए। सब लोग अपना-अपना पैसा इकट्ठा कर के कुल मिला के एक बड़ा थैला भर लेते हैं।

अब गांव के सबसे समझदार, भरोसेमंद और पढ़े-लिखे आदमी को बोलते हैं – “भाई, यह हमारा पैसा ले जा और इस पैसे को शहर में अच्छे धंधों या जगहों पर लगा दो , जिससे हमें फायदा हो और हमारा पैसा बढ़े।” वह शख्स जाता है, अलग-अलग धंधों में या चीज़ों में थोड़ा-थोड़ा पैसा लगाता है, समझदारी से। जो भी मुनाफा (फायदा) या नुक़सान होता है, सब को उनके हिस्से के हिसाब से बांट देता है।

असली दुनिया में कैसे होता है?

  • म्यूचुअल फंड का मतलब है – बहुत सारे लोग थोड़ा-थोड़ा पैसा जमा करते हैं।
  • कंपनी या बैंक उस पैसे को अलग-अलग कंपनियों के शेयर, बांड, या दूसरी जगह लगाती है।
  • मुनाफा या नुक़सान सबको बराबर-बराबर उनके हिस्से के हिसाब से मिलता है।

म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है?

  • सभी निवेशकों का पैसा एकत्रित कर “Asset Management Company (AMC)” एक फंड बनाती है।
  • फंड मैनेजर इस रकम को शेयर, बॉन्ड, आदि में निवेश करता है।
  • बदले में निवेशकों को म्यूचुअल फंड की यूनिट्स मिलती हैं, हर यूनिट की कीमत NAV (Net Asset Value) कहलाती है।
  • निवेश से मिलने वाला मुनाफा (profit) – डिविडेंड, ब्याज या कैपिटल गेन – फंड यूनिट्स के मालिकों में बाँट दिया जाता है।
  • निवेशक जब अपनी यूनिट्स बेचते हैं तो उसी हिसाब से पैसा (मुनाफा या घाटा) मिल जाता है।

म्यूचुअल फंड में निवेश के तरीके

निवेशक दो लोकप्रिय तरीकों से म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।

  • एकमुश्त: जब आप म्यूचुअल फंड को एक बड़ा भुगतान करते हैं, तो दिन के एनएवी मूल्य के आधार पर आपको यूनिटें आवटित की जाती हैं। उदाहरण के लिए, यदि उस दिन फंड का एनएवी 50 रुपये है तो आपको 10,000 रुपये के एकमुश्त निवेश के लिए 200 इकाइयाँ आवंटित की जाएंगी।
  • एसआईपी: एसआईपी में आप फंड में नियमित निवेश करते हैं। ये हर महीने भुगतान की जाने वाली छोटी निश्चित किस्तें हैं, और यूनिटें उस दिन के एनएवी मूल्य के आधार पर आवंटित की जाती हैं। एक व्यवस्थित निवेश योजना नियमित निवेश प्रथाओं को प्रोत्साहित करती है और बाजार के लिए समय की आवश्यकता को समाप्त करती है। 

म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें?

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के 3 सामान्य तरीके हैं।

म्यूचुअल फंड कंपनी की वेबसाइट के माध्यम सेउस स्थिति में, आपको उनकी वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा और एक खाता बनाना होगा। हालाँकि, यदि आप विभिन्न कंपनियों के कई फंडों में निवेश करना चाहते हैं तो यह तरीका अप्रभावी हो सकता है। 

बैंकों के माध्यम से:कभीकभी आपका बैंक आपको अपने नेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध फंड में निवेश करने की अनुमति देता है। लेकिन यह संभावित योजनाओं की खोज करने की आपकी क्षमता को सीमित कर सकता है क्योंकि बैंक केवल सीमित संख्या में  फंड  को बढ़ावा दे सकता है।

ब्रोकर के माध्यम से – जैसे एंजेल वन ,ग्रो , ज़ेरोदा ,उपटॉस्क और मोतीलाल ओसवाल जैसे ब्रोकर की सहायता से भी आप म्यूच्यूअल फन में निवेश कर सकते है।

म्यूचुअल फंड के फायदे

  • पेशेवर प्रबंधन: निवेश को अनुभवी फंड मैनेजर द्वारा संभाला जाता है।
  • विविधता (Diversification): पैसा कई कंपनियों या उत्पादों में बंट जाता है जिससे जोखिम कम होता है।
  • कम पूंजी से निवेश: आप कम रकम से भी निवेश शुरू कर सकते हैं।
  • तरलता (Liquidity): यूनिट्स को कभी भी बेचा जा सकता है और आसानी से पैसा मिल जाता है।

म्यूचुअल फंड के नुकसान

म्यूचुअल फंड के फायदे के साथ–साथ नुकसान को समझकर आप सोच–समझकर निर्णय ले सकेंगे।

  1. उतारचढ़ाव वाला रिटर्न: जो लोग निवेश पर निश्चित रिटर्न पसंद करते हैं उन्हें म्यूचुअल फंड के रिटर्न से निराशा हो सकती है। म्यूचुअल फंड निश्चित रिटर्न की पेशकश नहीं करते हैं और जोखिम से बचने वाले निवेशकों को आकर्षित नहीं कर सकते हैं। 
  2. शुल्क और व्ययम्यूचुअल फंड निवेश में प्रबंधन शुल्क, परिचालन व्यय और बिक्री भार जैसे शुल्क शामिल होते हैं। ये लागतें निवेशक के शुद्ध लाभ को कम कर सकती हैं।
  3. विविधीकरणविविधीकरण को हमेशा म्यूचुअल फंड के प्रमुख लाभ के रूप में उद्धृत किया जाता है, लेकिन अत्यधिक विविधीकरण आपके समग्र लाभ को कम कर सकता है। संभावना बढ़ जाती है क्योंकि आपका अपने पोर्टफोलियो पर नियंत्रण कम होता है।
  4. फंड मूल्यांकनकुछ निवेशकों को फंड – प्रदर्शन, एनएवी आदि की तुलना करना मुश्किल हो सकता है। यदि आप पूरी तरह से नए निवेशक हैं तो आपको म्यूचुअल फंड जटिल लग सकता है।
  5. एक्ज़िट लोड: जब आप एक विशिष्ट समय सीमा के भीतर अपनी इकाइयों को भुनाते हैं तो फंड हाउस शुल्क लेगा। ये शुल्क फंड से बारबार निकासी को हतोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, लेकिन अंततः, वे फंड तक आपकी पहुंच को सीमित कर देंगे। 
  6. पिछला प्रदर्शनफंड के पिछले प्रदर्शन का मूल्यांकन एक सामान्य निर्णय लेने वाला कारक है, लेकिन यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मजबूत पिछला प्रदर्शन भविष्य के प्रदर्शन की गारंटी नहीं देता है। 
  7. मैनेजर का प्रदर्शनफंड पर रिटर्न फंड मैनेजर के अनुभव और निर्णय पर निर्भर करता है। 
  8. पूंजीगत लाभ करनिवेश से प्राप्त लाभ पूंजीगत लाभ कर नियमों के अनुसार कर के अधीन है और इसके परिणामस्वरूप निवेशक के लिए कर दायित्व बढ़ सकता है। 

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